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तेरे हृदय में रहना है

इन हाथों में हाथ डाल

पथ पर बढ़ते रहना है|

ये मुस्कुराहटें देख-देख

संग अनवरत चलना है|

धूप-छांव को गले लगा,

तेरे हृदय में रहना है.....


निरंतर गतिमान दौरों में

मिलते पगपग पर कंटक|

पर ये सब प्रसून हो जाते

देखूँ दृगों को गर एकटक,

इन अदाओं से जीना है

तेरे हृदय में रहना है.....


अदाओं के आलोक में

पथ पर बिछते हैं पराग|

सिम्त प्रसूनमय हो जाता

हे, चश्म-ओ-चिराग|

इन सांसों से कहना है,

तेरे हृदय में रहना है.....


इन सांसों के आलंबन में

धकधक करती है धड़कन|

औ'एक ही नाम पुकारती

आप बसे हो मेरे कण-कण|

इसे तेरे लिये धड़कना है,

तेरे हृदय में रहना है.....


शाम-सहर औ'दिन-रात

साथ गुजारेंगे ये लम्हात|

हम चाहे कहीं रहे जानम

करेंगे हृदय में मुलाकात|

इन यादों से मुस्काना है,

तेरे हृदय में रहना है.....


प्रकृति  के  कण-कण में

प्रेम-सलिला हम बहाएंगे|

जिसमें हम सतत बहकर

श्रीकृष्ण के धाम जाएंगे|

प्यार का गीत गाना है,

तेरे हृदय में रहना है.....


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