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कोरोना वायरस

वूहान  से  पूरी दुनिया  में,

फैल गया कोरोना वायरस।

संकट में है अब मानवजाति,

औषधि वास्ते रहा है तरस।


हर शख्स घरों में कैद हैं,

अखिल धरा पर है अवसाद।

डॉक्टर औ' नर्स संघर्षरत हैं,

सभी कर रहे रब से फ़रियाद।


हरकोई  आज   नतमस्तक  है,

इस भयानक आपदा के समक्ष।

सभी हाथ  पे  हाथ  धर बैठे हैं,

होकर  ज्ञान   विज्ञान  में  दक्ष।


कुछ लोग क्वारेंटाइन हो गए,

कुछ लोग हो गए आइसोलेट।

कितनों की सांसे रुक गई, पर

एक्सपोज न हुआ कोरोना-सीक्रेट।


देश के अनेक प्रान्तों से अब,

लौट रहे हैं मजदूर नंगे पांव।

कई दिनों से लॉकडाउन है हिंद,

वाहन बगैर  कैसे  पहुंचे  ठाँव?


आज हर धर्म सम्प्रदाय एक है,

झेल रहे हैं कोरोना का प्रहार।

हिन्दू, मुस्लिम औ' सिख ईसाई,

सभी खोज रहे हैं कोई चमत्कार।


निरीह प्राणियों के जिबह से,

बिगड़ गया है प्राकृतिक संतुलन।

इंसानी बस्तियां आतंक में हैं,

प्रकृति गुलजार है, नीले गगन।


अब भी वक्त है, संभल जाओ,

प्रकृति से न  करो  खिलवाड़।

इंसान हो, तो इंसान बने रहो,

दानवों-सा मत करो व्यवहार।


पूरे मानवजाति रोगमुक्त हो,

प्रकृति से है हमारी अरदास।

इस महामारी का संहार होगा,

खुशहाल जीवन का होगा वास।


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